केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रस्तावित भारत- पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) से भारत की समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी और देश के कुछ व्यापार मार्गों पर निर्भरता कम हो जाएगी। भारत और भूमध्यसागरीय देशों के बीच संबंध बढ़ने पर पर्यटन के क्षेत्र के लिए भी काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘पर्यटन से सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव होता है, जिसका हमें तेजी से दोहन करने की जरूरत है। हमें इसके लिए कार्यसमूह गठित करना चाहिए।’ भूमध्यसागर के आसपास का क्षेत्र भूमध्यसागरीय क्षेत्र कहलाता है। इस इलाके में यूरोप, अफ्रीका और एशिया के देश शामिल हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित भारत – भूमध्यसागरीय व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि आईएमईसी कम लॉजिस्टिक लागत पर त्वरित संपर्क मुहैया कराएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत और भूमध्य सागर के देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ना एक अच्छी शुरुआत है, जिससे आगे चलकर बेहतर कारोबारी संबंध विकसित हो सकते हैं । उन्होंने कहा कि इन देशों के साथ ब्लू इकोनॉमी, अक्षय ऊर्जा, डिजिटलीकरण, टेक्सटाइल, फार्मा, सूचना तकनीक (आईटी), विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में संबंध बढ़ाने की अपार संभावना है। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल और यूरोपीय संघ होते हुए भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप को जोड़ने के मकसद से भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 सम्मेलन में आईएमईसी की शुरुआत की गई थी। इससे भारत की सामुद्रिक सुरक्षा बढ़ेगी और रणनीति के हिसाब से भारत की महज कुछ मार्गों पर निर्भरता कम होगी, जो इस समय हमारी सामुद्रिक सुरक्षा के हिसाब नुकसानदेह है ।