
नई दिल्ली। हाल ही में लंबे समय तक रकम की कमी और यूनिकॉर्न की संख्या में कमी के बावजूद, भारतीय उद्योग जगत स्टार्टअप की वृद्धि के को लेकर दृढ़ भाव निहित है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मैजिकपिन के सीईओ ने कहा कि पूंजी अपना रास्ता मूल्य सृजन की दिशा में खोज लेती है। इसमें झटके और कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, लेकिन भारत में स्टार्टअप के नजरिए से हम स्वर्णिम युग में हैं। प्रौद्योगिकी के लिए जिस तरह की स्वीकृति और चाह है, साथ ही ऑपरेटरों और टीमों के भीतर समाधान तैयार करने की जो क्षमताएं हैं, वे अभूतपूर्व है। पूंजी रिटर्न की तलाश में है। यही वजह है कि भारत में मल्टीपल इस तरह का है। एक मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के अनुसार 2025 में फरवरी तक इक्विटी फंडिंग के 235 दौर में 1.33 अरब डॉलर जुटाए जा चुके हैं । पिछले साल इसी अवधि में देश में 497 दौर में 2.46 अरब डॉलर जुटाए गए थे। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्नैपडील के सीईओ ने कहा कि कंपनियों की वृद्धि का सही मापदंड यूनिकॉर्न नहीं हैं। उन्होंने कहा, यह सही संदर्भ नहीं है।
