केंद्र सरकार द्वारा बीते सप्ताह खाने के तेलों का आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव सुधार के साथ बंद हुए। वहीं दाम ऊंचा रहने के कारण कम कारोबार तथा नई फसल की आवक के बीच मूंगफली तेल तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज हुई। खाद्य तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने का कोई विशेष असर देशी तेल-तिलहनों पर नहीं दिखा। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 300 रुपये बढ़कर 6,600-6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 1,225 रुपये बढ़कर 13,750 रुपये प्रति किंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमशः 125-125 रुपये की मजबूती के साथ क्रमशः 2,135- 2,235 रुपये और 2,135-2, 250 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ । समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 180-135 रुपये की मजबूती के साथ क्रमशः 4,900- 4,950 रुपये प्रति क्विंटल और 4,675 4,810 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी प्रकार सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमशः 1,235 रुपये, 1,525 रुपये बढ़कर क्रमश: 11,850 रुपये, 11,750 रुपये क्विंटल पर बंद हुए। दूसरी ओर सोयाबीन डीगम तेल का भाव 250 रुपये की गिरावट दर्शाता 8,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी गिरावट का रुख रहा। मूंगफली तिलहन 225 रुपये की गिरावट के साथ 6,475-6,750 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात 475 रुपये की गिरावट के साथ 11,750 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 75 रुपये की गिरावट के साथ 2,310 – 2,610 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।