बीएसएफ के राजस्थान फ्रंटियर आईजी एमएल गर्ग ने किया भारत-पाक सीमा का दौरा

बीकानेर (हिंस ) । अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर के आईजी एमएल गर्ग ने सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया। इस दौरे के दौरान, उन्होंने आमजन के साथ संवाद स्थापित किया और उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ रही पीआईओ (पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव) गतिविधियों, ड्रोन की आवाजाही और हनी ट्रैप जैसी गंभीर घटनाओं से सचेत रहने की बात कही। गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना त्वरित रूप से बीएसएफ को देने में आमजन की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस दौरे के दौरान, एमएल गर्ग ने सांचू बॉर्डर पर स्थित एक स्मृति भंडार का उद्घाटन किया। इस स्मृति भंडार का उद्देश्य है कि सीमा क्षेत्र में आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग यहां पर बीएसएफ से जुड़े स्मृति चिन्हों और अन्य वस्त्रों की खरीदारी कर सकें। आईजी गर्ग ने बताया कि इससे न केवल सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आमजन और सैनिकों के बीच भावनात्मक जुड़ाव भी मजबूत होगा। आईजी गर्ग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों से संवाद करते हुए उन्हें समझाया कि किस प्रकार पीआईओ जैसे तत्व लोगों को बहकाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन गतिविधियों में अचानक वृद्धि हुई है और इन्हें सीमा पार से भारत में अवैध सामग्री भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में सीमावर्ती इलाकों के निवासियों का सचेत और जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने लोगों को यह भी समझाया कि यदि उन्हें किसी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत बीएसएफ के नजदीकी कैंप या पुलिस को सूचना दें। आईजी गर्ग ने कहा कि सीमा की सुरक्षा केवल सुरक्षा बलों की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें आमजन की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने सीमावर्ती इलाकों के लोगों से सतर्क और सावधान रहने की अपील की ताकि राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस दौरे में 124 बटालियन के कमांडेंट संजय तिवारी, कुंवर सिंह उप कमांडेंट और अन्य उच्चाधिकारी भी शामिल रहे। गर्ग ने बीएसएफ के जवानों के साथ बातचीत कर सीमा सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बीएसएफ की मौजूदा सुरक्षा रणनीतियों की समीक्षा की और उनमें सुधार के संभावित उपायों पर भी चर्चा की। उन्होंने आमजन से यह अपील भी की कि वे सीमावर्ती इलाकों में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें और ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग में देरी न करें । इसके अतिरिक्त, उन्होंने युवाओं को साइबर हनी ट्रैप के खतरों से भी अवगत कराया और उन्हें किसी भी अनजान संपर्क से सतर्क रहने की सलाह दी। हाल के दिनों में सीमा पार से ड्रोन के जरिए अवैध हथियारों, मादक पदार्थों और अन्य प्रतिबंधित सामग्रियों की तस्करी की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। इस पर आईजी गर्ग ने कहा कि बीएसएफ ने ड्रोन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। उन्होंने बीएसएफ के जवानों को ऐसे किसी भी ड्रोन का तुरंत पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ड्रोन रोधी तकनीक को और अधिक सशक्त किया।

बीएसएफ के राजस्थान फ्रंटियर आईजी एमएल गर्ग ने किया भारत-पाक सीमा का दौरा
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