बीएसई और एनएसई ने ट्रांजेक्शन फीस स्ट्रक्चर में किया बदलाव, 1 अक्टूबर से लागू होगी नई व्यवस्था

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के निर्देश के अनुसार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कैश तथा फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) ट्रेडिंग के लिए ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने का ऐलान किया है। ट्रांजेक्शन फीस की नई दरें 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगी। सेबी ने एक सर्कुलर जारी करके शेयर बाजार समेत मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस ( एमआईआई) के सभी सदस्यों के लिए एक समान फीस स्ट्रक्चर को अनिवार्य कर दिया है। दरअसल, जुलाई के महीने में ही सेबी ने एक सर्कुलर जारी करके मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस ( एमआईआई) की ओर से लगाए जाने वाले ट्रांजेक्शन चार्ज के संबंध में निर्देश जारी किया था कि एमआईआई के पास सभी सदस्यों के लिए एक समान फीस स्ट्रक्चर होना चाहिए। ये फीस स्ट्रक्चर मौजूद वॉल्यूम बेस्ड स्लैब सिस्टम को रिप्लेस करेगा। सेबी के सर्कुलर में ये भी साफ किया गया था कि ट्रेडिंग मेंबर्स की ओर से अपने क्लाइंट्स से वसूले जाने वाले चार्जेज और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस को ट्रेडिंग मेंबर्स द्वारा दिए जाने वाले चार्जेज में परस्पर समानता होनी चाहिए, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। सेबी के निर्देश के अनुरूप ही बीएसई और एनएसई ने अलग-अलग सर्कुलर जारी करके ट्रांजेक्शन फीस में होने वाले बदलाव की जानकारी दी है। बीएसई के सर्कुलर के मुताबिक इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए ट्रांजेक्शन फीस को रिवाइज करके 3,250 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम टर्नओवर कर दिया गया है। हालांकि सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में दूसरे कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए ट्रांजेक्शन चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

बीएसई और एनएसई ने ट्रांजेक्शन फीस स्ट्रक्चर में किया बदलाव, 1 अक्टूबर से लागू होगी नई व्यवस्था
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