बाल विवाह : 8000 से अधिक चार्जशीट, सजा केवल 494 को
गुवाहाटी। असम में 2017 से लेकर अभी तक बाल विवाह और पॉक्सो (पॉक्सो) मामले में 8000 से अधिक के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई, लेकिन इनमें से सिर्फ 494 लोगों को ही दोषी ठहराया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल की ओर से बाल विवाह और पॉक्सो मामले को लेकर किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए असम के सीएम ने कहा कि राज्य में अब तक 6174 लोगों को जमानत पर रिहा किया गया है। बता दें कि असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा के पास गृह विभाग भी है। शर्मा ने सदन को बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत 4,049 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) मामले में 2017 से लेकर इस साल फरवरी तक राज्यभर में 8,908 लोगों की गिरफ्तारी हुई। मुख्यमंत्री की ओर से राज्य विधानसभा में दी गई जानकारी से पता चला है कि इस दौरान राज्य में 134 बालकों और 2,975 बालिकाओं की शादी कराई गई। जबकि कानूनी रूप से लडक़ों की शादी के लिए निम्नतम 21 साल और लड़कियों की शादी के लिए 18 साल की उम्र की तय की गई है। इसके बाद निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई की ओर से पूछे गए एक अलगल प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अप्रैल 2021 से लेकर फरवरी 2023 तक राज्य में बाल विवाह के 4111 मामले सामने आए। शर्मा ने आगे कहा कि इस 22 महीने की अवधि के दौरान राज्य में बाल विवाह को लेकर 4670 मामले रजिस्टर किए गए। सीएम ने कहा कि इनमें से 7,142 को अभियुक्त के रूप में नामित किया गया है। जिसके बाद 3483 लोगों की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार लोगों में से 1,182 अभी जेल में हैं जबकि 2,253 को जमानत मिल चुकी है। शर्मा ने यह भी बताया कि राज्य सरकार की ओर से बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन अगर बच्चों के देखभाल और सुरक्षा की जरूरत होती है तो कदम उठाए जाएंगे।