पूर्वोत्तर की भूमि से नए भविष्य की शुरुआत

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया है। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री, वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गज, भारत में विदेशी मिशनों के प्रमुख समेत कई छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। बता दें कि, ये दो दिवसीय शिखर सम्मेलन गुवाहाटी के खानापारा में मौजूद वेटरनरी कॉलेज फील्ड में आयोजित किया जा रहा है। वहीं इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की भूमि आज एक नए भविष्य की शुरुआत करने जी रही है। एडवांटेज असम पूरी दुनिया को असम के संभावना और प्रगति से जोड़ने का एक महा अभियान है । इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा – इतिहास गवाह है कि पहले भी भारत की समृद्धि में ईस्टर्न इंडिया का बहुत बड़ा रोल हुआ करता था। आ जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है, तो एक बार फिर हमारा ये नॉर्थ-ईस्ट अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है… मैं असम सरकार को, हिमंत विश्व शर्मा जी की पूरी टीम को इस भव्य आयोजन के लिए बहुत- बहुत बधाई। इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि 2030 तक असम की अर्थव्यवस्था 143 अरब डॉलर की हो जाएगी। उन्होंने निवेशकों से राज्य की विकास यात्रा हिस्सा बनने का आग्रह भी किया। यहां दो दिवसीय एडवांटेज असम 2.0 निवेश और अवसंरचना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य अब सबसे अशांत से सबसे शांत राज्य बन गया है। उन्होंने दावा किया, इस साल राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 15.2 प्रतिशत होगी। यह 2030 तक 143 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीएम ने 60 से अधिक देशों के मिशन प्रमुखों और राजदूतों, विदेशी व्यापार प्रतिनिधिमंडलों और देश के उद्योग जगत के नेताओं की मौजूदगी में कहा कि मैं आज आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम असम में उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अच्छा काम और अनुकूल माहौल सुनिश्चित करेंगे। कृपया यहां आएं और निवेश करें। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्र की सत्ता में आने के बाद से राज्य में पुनरुत्थान देखा गया है। एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं हाइड्रोकार्बन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण, बांस और टिकाऊ फसल और खाद्य एवं पेय पदार्थ समेत कई अन्य कई विषयों पर खास नजर है। एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 61 देशों के राजदूत भी असम में मौजूद हैं। वे रविवार को असम पहुंचे थे। जिसके बाद अलग- अलग देशों के राजदूतों ने सोमवार को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस यात्रा के लिए राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उधर डबल इंजन की सरकार की ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा की सरकार में असम की अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री गुवाहाटी में आयोजित एडवांटेज असम : इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट-2.0 को संबोधित करते हुए पूरे पूर्वोत्तर के साथ-साथ भारत के विकास में असम के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया । सम्मेलन में रिलांयस ग्रुप के प्रमुख मुकेश अंबानी, अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी, वेदांता ग्रुप के अनिल अग्रवाल, जेएसडब्ल्यू ग्रुप के प्रमुख सज्जन जिंदल और टाटा ग्रुप के प्रमुख एन चंद्रेशखरन के साथ-साथ 60 देशों के राजदूत और राजनयिक उपस्थित थे। 2016 में भाजपा की सरकार बनने के बाद असम में तेज हुए आर्थिक प्रगति और आधारभूत संरचना की विकास की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले लगभग सात दशक में ब्रह्मपुत्र नदी पर केवल तीन पुलों का निर्माण हुआ था । उनकी सरकार आने के बाद चार नए पुल बने हैं। इसके साथ-साथ सड़कों, पुलों, रेल और नए हवाई अड्डों के निर्माण से असम समेत पूरे पूर्वोत्तर भारत में विकास की नई रफ्तार शुरू हुई है और असम इसकी अगुवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2018 में पहले निवेश सम्मेलन के समय असम की अर्थव्यवस्था 2.75 लाख करोड़ रुपए थी, जो इस साल छह लाख करोड़ रुपए की हो गई है। एक साल बाद असम में होने वाले विधानसभा चुनावों के देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने साफ संदेश दिया कि लगातार तीसरी बार डबल इंजन की सरकार बनने की स्थिति में असम के विकास की गति जारी रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में पूरी दुनिया विकास को सशंकित हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत के तेज आर्थिक विकास को लेकर सभी एकमत हैं। प्रधानमंत्री के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग में मिशन मोड में काम कर भारत लोकल सप्लाई चैन को मजबूत करने में जुटा है। इसके साथ ही क्षेत्रीय कनेक्टिवेटी और द्विपक्षीय व्यापार समझौतों के माध्यम से भारत वैश्विक सप्लाई चैन में अहम हिस्सा बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने दक्षिण एशियाई देशों के साथ असम की नजदीकी को देखते हुए असम के पूरे क्षेत्र के विकास में गेटवे के रूप में काम करने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इंडिया – मिडिल इस्ट – यूरोप कोरिडोर के निर्माण से भारत के लिए नए अवसरों के दरवाजे खुलेंगे। मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के 50-50 हजार करोड़ के निवेश के अलावा चंद्रेशखरन, सज्जन जिंदल और अनिल अग्रवाल ने भी असम में बड़े पैमाने पर निवेश का भरोसा दिया। उद्योगपतियों ने कभी हिंसाग्रस्त रहे असम में शांति, विकास और आधारभूत संरचना के बड़े पैमाने पर निर्माण की सराहना की ।
