पारदर्शिता के नए युग की ओर बढ़ रहा असम : मुख्यमंत्री

गुवाहाटी (हि.स.)। युवाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर असम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने आज गुवाहाटी पशु चिकित्सा महाविद्यालय मैदान में मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर असम अभियान के तहत 25 हजार 238 उद्यमियों को 75 हजार रुपए की पहली कित वितरित की । उल्लेखनीय है कि इस पहल के तहत सामान्य योग्यता वाले उद्यमियों को कुल दो लाख रुपए मिलेंगे। जिसमें से एक लाख रुपए अनुदान के रूप में और शेष एक लाख रुपए ऋण के रूप में दिए जाएंगे। पेशेवर योग्यता वाले उद्यमी, जैसे इंजीनियरिंग या चिकित्सा में डिग्री रखने वाले उद्यमी पांच लाख रुपए प्राप्त करने के पात्र हैं, जिसमें से 2.5 लाख रुपए अनुदान के रूप में और 2.5 लाख रुपए ऋण के रूप में दिए जाएंगे। आज के वितरण में, सामान्य योग्यता वाले 25 हजार 064 उद्यमियों और पेशेवर योग्यता वाले 147 उद्यमियों को 75 हजार रुपए की पहली किस्त मिली। लाभार्थियों में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हैं, जिनमें कृषि और बागवानी से जुड़े 1,156 लोग, फैब्रिकेशन या हार्डवेयर व्यवसाय से जुड़े 502 लोग, जलीय कृषि से जुड़े 3,522 लोग, सेवा और अन्य विविध क्षेत्रों से जुड़े 4,855 लोग, पैकेजिंग से जुड़े 326 लोग, बांस और अन्य पौधों की प्रजातियों की खेती से जुड़े 21 लोग, मुर्गीपालन और पशुपालन से जुड़े 10,321 लोग, परिधान निर्माण से जुड़े 1,015 लोग, व्यावसायिक शिक्षा के जरिए स्वरोजगार से जुड़े 654 लोग, कागज और स्टेशनरी व्यवसाय से जुड़े 2,509 लोग और लकड़ी से बने फर्नीचर के कारोबार से जुड़े 163 लोग शामिल हैं। इस योजना के तहत वितरित की जाने वाली धनराशि का उद्देश्य इन उद्यमियों को स्वरोजगार की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम उठाने में मदद करना है। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था । एक वादा जिसे एक लाख उम्मीदवारों की भर्ती के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने अतिरिक्त 40,000 सरकारी नौकरियां प्रदान करके इस वादे को और आगे बढ़ाया है। उन्होंने असम सीधी भर्ती परीक्षा, शिक्षक भर्ती और चल रही पुलिस भर्ती सहित कई भर्ती अभियानों के सफल समापन का उल्लेख किया, जिससे राज्य के युवाओं का मनोबल बढ़ा है। पारदर्शिता पर जोर देते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रत्येक भर्ती प्रक्रिया बिना किसी कदाचार के आयोजित की गई है, जिससे सिस्टम में विश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी कर्मियों से लेकर आशा कर्मी तक, साथ ही असम लोक सेवा आयोग में भर्ती में भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया है। विशेष रूप से असम सीधी भर्ती परीक्षा ने उम्मीदवारों को अपने प्रश्नपत्र घर ले जाने और सत्यापन के लिए ओएमआर शीट तक पहुंचने का विकल्प प्रदान करके नए मानक स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार, असम भ्रष्टाचार और नकारात्मकता के युग को पीछे छोड़ रहा है और अब शांति, स्थिरता और विकास के पथ पर अग्रसर है। डॉ. शर्मा ने सार्वजनिक क्षेत्र में भर्ती और उद्यमिता के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने जागीरोड में हाल ही में एक सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई की स्थापना पर प्रकाश डाला, जो औद्योगिक विकास के लिए राज्य के प्रयासों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर असम अभियान के बारे में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि सामान्य योग्यता वाले उद्यमियों को मिलने वाले दो लाख रुपए में से केवल एक लाख रुपए ही चुकाने होंगे, जो कि धन प्राप्ति के तीन साल बाद से शुरू होने वाले पांच साल की अवधि में आसान किस्तों में चुकाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार चयनित उद्यमियों के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है ताकि उनकी सफलता की संभावनाएं बढ़ाई जा सके। प्रशिक्षण पूरा होने पर इन उद्यमियों को नवंबर में 25,000 रुपए की दूसरी किस्त मिलेगी। जबकि, उनकी प्रगति के आधार पर एक लाख रुपए की अंतिम किस्त वितरित की जाएगी। पेशेवर योग्यता वाले लोगों को अंतिम किस्त के हिस्से के रूप में अतिरिक्त चार लाख रुपए मिलेंगे। डॉ. शर्मा ने घोषणा की कि 5 अक्तूबर को राज्य सरकार शेष 75,000 युवाओं के लिए इस योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन करने के लिए एक पोर्टल लॉन्च करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार जब एक लाख युवा मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर असम अभियान के तहत सफलतापूर्वक उद्यमी बन जाएंगे, तो कार्यक्रम के अगले चरण में अन्य एक लाख युवाओं को भी इसी तरह का लाभ दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने चयनित उद्यमियों को मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर असम अभियान के तहत प्राप्त धन का प्रभावी उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे बाद में बैंकों से 20 लाख रुपए तक के ऋण के लिए पात्र हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में वित्तीय संस्थानों ने उद्यमियों को प्रदान किए जाने वाले ऋणों की मात्रा में लगातार वृद्धि की है, बैंकों ने इस वर्ष 31 मार्च तक सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 29,000 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए हैं। इसके अतिरिक्त, पिछले वित्तीय वर्ष में छोटे और मध्यम उद्यमों और व्यवसायों को 37,000 करोड़ रुपए वितरित किए गए थे। युवाओं को प्रतिकूल परिस्थितियों का डटकर सामना करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए डॉ. शर्मा ने उन्हें याद दिलाया कि जो लोग निराशा के आगे नहीं झुकते और अपने सपनों के लिए काम करना जारी रखते हैं, वे ही अंततः सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियां स्थिर आय प्रदान करती हैं, लेकिन वे हमेशा व्यक्तियों को अपनी पूरी क्षमता हासिल करने की अनुमति नहीं दे सकती हैं। इसके विपरीत, उद्यमिता व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए असीमित संभावनाएं प्रदान करती है। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित चयनित उद्यमियों से आग्रह किया कि वे स्वयं नियोक्ता बनने की आकांक्षा रखें, जिससे आत्मनिर्भर असम के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान मिल सके। पर्यावरण एवं वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी, शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रंजीत कुमार दास, वित्त मंत्री अजंता नेओग, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विमल बोरा, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका, पर्यटन मंत्री जयंत मल्लबरुवा, कृषि मंत्री अतुल बोरा, परिवहन मंत्री केशव महंत, हथकरघा एवं कपड़ा मंत्री यूजी ब्रह्म, बिजली मंत्री नंदिता गालसा, चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किसान, सांसद, असम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विधायक भवेश कलिता, मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा और अन्य गणमान्य व्यक्ति आज के कार्यक्रम में उपस्थित रहे ।

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