
भारत
पाकिस्तान के बीच क्या तुलना की जा सकती है ? भारत अतुलनीय, ताकतवर, विकसित होता राष्ट्र है, जबकि पाकिस्तान को दुनिया के कई देश ‘नाकाम देश’ करार दे चुके हैं। फिर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने छाती ठोंकते, कुछ उछलते, दावा किया है, मुल्क को भरोसा देने की कोशिश की है कि अगर रब ने चाहा, तो एक दिन पाकिस्तान हिंदुस्तान से आगे होगा ! हम खूब मेहनत करेंगे, तो इंशाल्लाह हिंदुस्तान से आगे जरूर जाएंगे। पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम की यह गालबजाई हास्यास्पद है। भारत और पाकिस्तान एक साथ स्वतंत्र और संप्रभु देश बने थे, लेकिन आज भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पाकिस्तान 45वें स्थान पर है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) फिलहाल 336 लाख करोड़ रुपए का है, जबकि पाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था मात्र 32 लाख करोड़ रुपए की है । भारत की अर्थव्यवस्था 10 गुना अधिक है। पाकिस्तान भीख और दान पर जिंदा है। हाल ही में उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 60,000 करोड़ रुपए का उधार मांगा है। कर्ज भारत सरकार पर भी है, लेकिन हमारा प्रधानमंत्री देश-विदेश कर्ज की गुहार लगाता नहीं घूमता । पाकिस्तान कभी चीन, कभी सऊदी अरब या संयुक्त अरब अमीरात, तो कभी कतर आदि देशों से भीख मांगता रहा है। बदले में उसे मुल्क की जमीन-जायदाद पैसा देने वाले देशों को सौंपनी पड़ती है। वहां वे देश अपनी परियोजनाओं को विस्तार देते हैं। भारत और पाकिस्तान की तुलना किस आधार पर की जा सकती है ? भारत की आर्थिक विकास दर 8 फीसदी से भी ज्यादा रही है। बजट में 2025- 26 की विकास दर भी 6 फीसदी से अधिक आंकी गई है, जबकि पाकिस्तान की विकास दर मात्र 2.38 फीसदी है। इसमें भी कितनी हकीकत है और कितना फसाना है ? भारत सरकार अब भी 81 करोड़ से अधिक नागरिकों में प्रति माह मुफ्त अनाज बांट रही है, जबकि पाकिस्तान में आटे की एक बोरी के लिए भी मारा-मारी मची है। मुद्रास्फीति की दर असहनीय है। लोग अनाज और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगे रहते हैं, फिर भी असंख्य हाथ खाली रहते हैं। आजीविका मुश्किल है, तो आबोदाना भी नसीब से ही मिल रहा है । यह पाकिस्तान हिंदुस्तान से आगे बढ़ेगा ? पाकिस्तान ने आईएमएफ से जितना उधार मांगा है, उतनी तो भारत सरकार खाद पर सबसिडी दे देती है। लोकसभा में पेश किए गए बजट में संघशासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के लिए ही 41,000.07 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कितना भी उछलते रहें या छाती ठोंक लें, लेकिन हजारों साल तक पाकिस्तान भारत को पीछे नहीं कर सकता। उन्होंने यह दावा तब किया है, जब अमरीकी संसद में एक प्रस्ताव रखा गया है कि पाकिस्तान में जम्हूरियत (लोकतंत्र) ही नहीं है। वहां के सेना प्रमुख और आतंकियों में नापाक गठजोड़ है। हुकूमत असहाय है। अमरीकी संसद ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख पर ‘पाबंदी’ लगाने तक की बात कही है। भारत के राजनयिक क्षितिज त्यागी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के मंच पर पाकिस्तान को न केवल ‘नाकाम देश’ करार दिया, बल्कि यह भी कहा कि ऐसे देश पर चर्चा करने में परिषद कीमती वक्त बर्बाद कर रही है।
