पेशावर । पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं जब 12 देशों के राजदूत एक बस के जरिए इस्लामाबाद जा रहे थे और उनके काफिले के पास एक बम धमाका हुआ। यह घटना खैबर पख्तूनख्वा के स्वात जिले में मालम जब्बा रोड पर हुई । धमाके के समय राजदूतों के काफिले के आगे और पीछे भारी पुलिस और सेना तैनात थी, फिर भी यह सुरक्षा चूक हुई। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस काफिले में इंडोनेशिया, पुर्तगाल, कजाकिस्तान, बोस्निया और हर्जेगोविना, जिम्बाब्वे, रवांडा, तुर्कमेनिस्तान, वियतनाम, ईरान, रूस और ताजिकिस्तान के राजदूत शामिल थे। जब काफिला मिंगोरा शहर से होटल की ओर जा रहा था, तब यह धमाका हुआ। धमाका एक रिमोट से सक्रिय किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ( श्वष्ठ) द्वारा किया गया था। धमाके में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। स्वात के आईजी मुहम्मद अली खान ने बताया कि संदिग्धों की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक किसी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। सभी राजदूतों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि सभी राजदूत सुरक्षित इस्लामाबाद पहुंच गए हैं। मंत्रालय ने अपनी सुरक्षा बलों पर गर्व जताया, जो आतंकवादियों के खिलाफ खड़े रहते हैं । प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवादी तत्व न केवल देश के दुश्मन हैं, बल्कि मानवता के दुश्मन भी हैं। बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने हाल ही में पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाकर हमले तेज कर दिए हैं। पिछले महीने स्वात के बनर पुलिस स्टेशन पर भी एक हमले में एक पुलिसकर्मी की जान गई थी। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर सवाल उठाए हैं, खासकर जब विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हो रही है। यह पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई चुनौती पेश करता है, जो उसके आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर सकता है।