नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जाएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को एक संबोधन के दौरान इसकी पुष्टि की है। इस बार एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है। यह बैठक 15-16 अक्तूबर को होगी । अपने संबोधन में रणधीर जयसवाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अन्य सभी सदस्य देशों को निमंत्रण देना एक प्रोटोकॉल है जिसका पालन कोई भी मेजबान देश करता है। पाकिस्तान ने भी ऐसा ही किया है। मैं इसे एक राजनीतिक स्टंट के रूप में नहीं देखता हूं। हालांकि, मैं प्रधानमंत्री मोदी को इसमें शामिल होते नहीं देखता हूं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल,पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एससीओ विदेश मंत्री की बैठक के लिए भारत का दौरा किया था। बताया जा रहा है, दो दिनों तक चलने वाले इस बैठक में चीन और रूस जैसे देश भी हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तान में एससीओ की बैठक में क्या-क्या होगा, विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाकी का कार्यक्रम क्या है, इसके बारे में जानकारी बाद में दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले अगस्त में, पाकिस्तान ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्तूबर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में बुलाया था। अब वह अक्तूबर में दो दिवसीय एससीओ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग की मेजबानी करेगा। एससीओ एक स्थायी अंतर- सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह एक राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है। वर्ष 2001 में इसका गठन किया गया था। एससीओ चार्टर पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किए गए और वर्ष 2003 में इसे लागू किया गया।