पहली रीजनल रैपिड ट्रेन का उद्घाटन आज
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी शुक्रवार को देश की पहली रीजनल रैपेड ट्रेन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इससे पहले खबर आ रही है कि देश की पहली आरआरटीएस ट्रेन को नमो भारत के नाम से जाना जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि नई रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) रेलगाड़ियों को नमो भारत के नाम से जाना जाएगा। साहिबाबाद से गाजियाबाद के बीच 17 किमी के पहले खंड का पीएम मोदी शुक्रवार को उद्घाटन करेंगे। इसमें पांच स्टेशन होंगे। ये ट्रेनें दिखने में मेट्रो ट्रेन के समान होंगी, लेकिन इनके कोच में सामान रखने की जगह (लगेज कैरियर) और मिनी स्क्रीन जैसी कई सुविधाएं होंगी। एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच, भारत के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के निर्माण की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। एनसीआरटीसी पूर्व में कहा था कि दिल्ली-गाजियाबाद - मेरठ आरआरटीएस के समूचे 82.15 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन जून 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है । आरआरटीएस ट्रेन में यात्रियों के लिए सीट के ऊपर सामान रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, वाई-फाई और प्रत्येक सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा दी गई है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद - मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड के उद्घाटन से पहले बुधवार को रैपिडएक्स ट्रेन का मीडिया के सामने पूर्वावलोकन आयोजित किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा रैपिडएक्स नाम की सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) गलियारे का निर्माण कराया जा रहा है। एनसीआरटीसी केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है। ये ट्रेन ओवरहेड लगेज रैक, वाई-फाई और हर सीट पर एक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी यात्री सुविधाओं के अलावा कई सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर कोच में लगभग 6 सीसीटीवी कैमरे हैं और इस कॉरिडोर पर यात्रियों की सुरक्षा एक प्राथमिकता है। डिब्बों में अन्य सुविधाओं में एक आपातकालीन दरवाजा, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या अन्य प्रकार की आपात स्थिति के मामले में ट्रेन ऑपरेटर से बात करने के लिए एक बटन और आग बुझाने वाले यंत्र शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के प्रीमियम कोच में एक ट्रेन अटेंडेंट मौजूद रहेगा, लेकिन वह अन्य डिब्बों में भी घूम सकता है । आपात स्थिति में उससे संपर्क किया जा सकता है।
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