दूसरे दिन भारत को चार स्वर्ण सहित 18 पदक
हांगझोऊ ।
पैरा एशियाई खेलों के दूसरे दिन भारत ने चार स्वर्ण, छह रजत और 8 कांस्य पदक जीते। दिन का आकर्षण पति - पत्नी मनीष कौरव - प्राची यादव और लगातार दूसरे एशियाड में स्वर्ण जीतने वाले नीरज यादव रहे। भोपाल में ट्रेनिंग करने वाली ग्वालियर की प्राची कनोइंग में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनी। वह केएल-2 कैटेगरी में जीतीं तो उनके पति मनीष कौरव ने कनोइंग में ही केएल -3 कैटेगरी में कांस्य पदक जीता। वहीं जकार्ता पैरा एशियाड में स्वर्ण जीतने वाले नीरज यादव ने लगातार दूसरे पैरा एशियाड में एशियाई रिकॉर्ड के साथ डिस्कस थ्रो की एफ- 54, 55, 56 कैटेगरी में स्वर्ण जीता। दीप्ति जीवनजी ने महिलाओं की 400 मीटर टी-20 में और एमएस शरत ने पुरुषों की 5000 मीटर टी-13 कैटेगरी में देश को स्वर्ण पदक दिलाए । भारत को अब तक 10 स्वर्ण, 12 रजत और 13 कांस्य समेत कुल 35 पदक मिल चुके हैं। पदक तालिका में उसका चौथा स्थान है।
इस प्रतियोगिता में देश के लिए पदक जीतने वाले सभी पैरा खिलाड़ियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। पैरा एशियाई खेलों के दूसरे दिन भारत ने चार स्वर्ण, छह रजत और आठ कांस्य पदक जीते।
पति से बोलीं प्राची यहां से खाली हाथ नहीं जाएंगे.
हम दोनों यहां से खाली हाथ नहीं जाएंगे। प्राची ने हांगझोऊ में पहुंचने के बाद अपने पति मनीष से यही बात कही । प्राची रजत जीत गई। मनीष पर दबाव था, लेकिन उन्हें अपनी पत्नी के शब्द याद रहे, जो उनके पदक जीतने के लिए प्रेरणा बने। मनीष ने जहां कांस्य जीता तो प्राची स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं। प्राची बताती हैं कि वे और मनीष एमपी वाटर स्पोर्ट्स अकादमी, भोपाल में मिले थे और दोनों ने तीन वर्ष पहले शादी की है, लेकिन दोनों का एक साथ पदक जीतना उनकी जिंदगी की सबसे सुखद उपलब्धि है।
पहले चलना बंद हुआ, फिर पिता को खोया अब पैरा एशियाड में दोहरा स्वर्ण
जावली (गाजियाबाद) के रहने वाले नीरज सात साल के थे जब न्यूरॉजिकल समस्या के चलते उनके शरीर के निचले हिस्से ने एकदम से काम करना बंद कर दिया। 2011 में उनके पिता का देहांत हो गया। नीरज ने इस दौरान व्हील चेयर टेनिस खेलना शुरू किया । वह देश के पहले पैरा व्हील चेयर टेनिस राष्ट्रीय चैंपियन बनें, लेकिन उपेक्षा के चलते उन्होंने यह खेल छोड़ एथलेटिक्स को अपना लिया। वह डिस्कस, शॉटपुट करने लगे । जकार्ता पैरा एशियाड में उन्होंने स्वर्ण जीता और 38.56 की थ्रो लगाकर गेम्स और एशियाई रिकॉर्ड के साथ फिर स्वर्ण जीता। नीरज कहते हैं कि उनका लगातार दूसरे एशियाड में जीतने का सपना था, जो पूरा हो गया है। नीरज की इस कैटेगरी में टोक्यो पैरालंपिक के पदक विजेता योगेश कथूनिया ने रजत और मुत्थु राजा ने कांस्य जीता ।