काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल पर 24 जुलाई को सौर्य एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच रिपोर्ट का खुलासा हुआ है। जांच समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में दुर्घटना के पीछे तीन संभावित कारण बताए गए हैं। इनमें कार्गो में बैगेज के लोड का बैलेंस उड़ान नियमों के मुताबिक न होने, विमान की टेक ऑफ गति का संतुलन नहीं होने और टेक ऑफ के दौरान नियमों की अनदेखी किये जाने को दुर्घटना का कारण बताया गया है। काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरने के कुछ सेकेंड के बाद ही सौर्य एयरलाइंस का विमान 24 जुलाई को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान के नियमित सी चेक के लिए पोखरा जा रहे विमान में सवार एक पायलट के अलावा एयरलाइंस कंपनी के 18 कर्मचारियो की जांच समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को सौंपी मौत हो गई थी। सरकार ने इस दुर्घटना की जांच के लिए नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के पूर्व महानिदेशक रतीश चंद्र लाल के संयोजकत्व में एक समिति गठित की थी। किया है कि नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और विमान उड़ाने वाली एयरलाइंस कंपनियों को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि विमान की उड़ान से पहले विमान के लोड की अनिवार्य चेकिंग हो । दुर्घटना के दूसरे संभावित कारण में जहाज के लोड के मुताबिक विमान की टेक ऑफ गति का संतुलन नहीं होना बताया गया है। लाल ने बताया कि दुर्घटना के दिन सौर्य एयरलाइंस के लोड के अनुसार जहाज की गति को मेंटेन न किया जाना दुर्घटना का कारण हो सकता है । उन्होंने कहा कि जहाज के लोड के मुताबिक रनवे पर उसकी स्पीड बैलेंस नहीं दिखी। लोड बैलेंस नहीं होने के कारण पार्किंग से एप्रॉन होते हुए टैक्सी वे और रन वे तक पहुंचने की गति सीमा ठीक नहीं होने की बात कही गई है। इस दुर्घटना के तीसरे कारण में उड़ान के सभी जांच रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र नियमों का पालन न करने और टेक ऑफ इस समिति ने सरकार को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट में इस दुर्घटना के पीछे तीन संभावित कारण बताए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पहला कारण जहाज के लोड पर ध्यान ना देना है। लाल ने बताया कि जांच में पाया गया है कि जहाज में बैठे यात्री और उसके कार्गो में रहे बैगेज के लोड का बैलेंस उड़ान नियमों के मुताबिक नहीं था । के दौरान नियमों की अनदेखी बताई गई है। विमान के लोड के मुताबिक ही विमान की गति को सीमित रखना चाहिए था लेकिन दुर्घटनाग्रस्त विमान की टेक ऑफ स्पीड और उसके मुताबिक रोटेटिंग एंगल नहीं मिलने को भी दुर्घटना का एक कारण बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लाइट रिकार्डिंग डेटा के मुताबिक सौर्य एयरलाइंस का दुर्घटनाग्रस्त विमान टेक ऑफ के पहले 5 सेकेंड में 50 फीट की ऊंचाई पर था तो 10 सेकेंड में 100 फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया था । काठमांडू एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी और विमान के ब्लैक बॉक्स के डेटा के मुताबिक सिर्फ 29 सेकेंड में ही विमान डिस बेलेंस होकर नीचे गिर गया। जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सिर्फ 21 सेकेंड में ही पायलट ने फ्लाइट को रोटेट किया था और 29 वें सेकेंड में फ्लाइट क्रैश हो गया था।