नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को विश्व बैंक ने चेताया, कहा- गरीबों को राहत दो, अमीरों पर कर लगाओ
नई दिल्ली।
विश्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को सभी कर छूटों को बंद करने और कृषि, खुदरा और रीयल एस्टेट को कर के दायरे में लाने का सुझाव दिया है, जिससे देश की जीडीपी में तीन प्रतिशत का इजाफा हो । मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई।
विश्व बैंक के कंट्री निदेशक नज बेनहासिन और वरिष्ठ अर्थशास्त्री तोबियास हक के हवाले से कहा, प्रांतीय अधिकार क्षेत्र में आने वाले दो प्रमुख क्षेत्रों रियल एस्टेट और कृषि क्षेत्र के लोगों के पास ज्यादातर कर रहित संपत्ति है, जिस पर प्रांतीय सरकारों को कर लगाना चाहिए ताकि सेवाओं में सुधार हो सके और केंद्र पर वित्तीय बोझ कम हो सके । अनुमान है कि यदि कृषि आय और संपत्ति कर को सही तरीके से लागू किया जाता है तो इससे सालाना आधार पर कर संग्रह में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत प्राप्त हो सकता है, जो तीन लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट और कृषि से जीडीपी का क्रमशः दो प्रतिशत और एक प्रतिशत (आधिकारिक जीडीपी आकार के अनुसार क्रमशः 2.1 ट्रिलियन रुपये और एक ट्रिलियन रुपये) राजस्व प्राप्त होना चाहिए । विश्व बैंक की पाकिस्तान सरकार को सौंपे गए एक विस्तृत नीति पत्र का हवाला देते हुए हक ने कहा कि यह दस्तावेज बेहत विस्तारित और प्रगतिशील कृषि आय कराधान के माध्यम से राजस्व बढ़ाने की वकालत करता है। विश्व बैंक के अधिकारी के हवाले से कहा गया है, यह मौजूदा 12.5 एकड़ कर छूट सीमा को कम करने या परिष्कृत करने के लिए तुरंत किया जाना चाहिए ताकि अधिक कृषि भूमि को कर के दायरे में लाया जा सके और आकार, स्थान, सिंचाई की स्थिति और क्षेत्र - आधारित उत्पादकता जैसे पहलुओं के आधार पर कर दरों में भूमि का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित किया जा सके। विश्व बैंक भी पाकिस्तान के लिए 350 मिलियन डॉलर के राइज ( सतत अर्थव्यवस्था के लिए दूसरा लचीला संस्थान) को मंजूरी मिलने की उम्मीद कर रहा है लेकिन कार्यकारी बोर्ड की बैठक की किसी तारीख की अभी पुष्टि नहीं की जा सकती। पाकिस्तान बहुत मुश्किल स्थिति में है क्योंकि उसका राजकोषीय घाटा अस्थिर है।