नए वर्ष में बेहतर होगी आर्थिकी

यकीनन वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संगठनों के द्वारा नए वर्ष 2025 की आर्थिक संभावनाओं पर प्रकाशित विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक नया वर्ष 2025 भारत के लिए उजली आर्थिक संभावनाओं वाला वर्ष होगा। नए वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था बीते वर्ष 2024 से मिली आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए आगे बढ़ेगी और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित होगी। यदि हम नए वर्ष 2025 को बीते वर्ष 2024 से मिलने वाली आर्थिक विरासत को देखें तो पाते हैं कि इस विरासत में जहां कई चुनौतियां हैं, वहीं विकास के कई मजबूत आर्थिक आधार भी हैं। यद्यपि बीते वर्ष 2024 की शुरुआत 8 फीसदी विकास दर के साथ हुई थी, लेकिन बीते वर्ष की जुलाई से सितंबर की तिमाही में महज 5.4 फीसदी की विकास दर के कारण कई आर्थिक गणित गड़बड़ा गए। बीते वर्ष भारत के आर्थिक परिदृश्य पर प्रमुखतया महंगाई तथा रोजगार चिंताजनक मुद्दे रहे हैं। महंगाई के मोर्चे पर मुश्किलें लगभग अधिकांश महीनों में बनी रहीं। खासतौर से नवंबर 2024 के बाद एक बार फिर थोक एवं खुदरा महंगाई बढ़ने लगी और महंगाई रिजर्व बैंक के निर्धारित दायरे से बाहर रही। बीते वर्ष में यद्यपि शहरी बेरोजगारी में कमी आई, लेकिन असंगठित सेक्टर में रोजगार के मौके घट गए। बीते वर्ष में विदेश व्यापार घाटा भी बढ़ा। बीते हुए वर्ष में रुपया वर्षभर लुढक़ता रहा। वर्षभर डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत घटती गई और दिसंबर 2024 में डॉलर के मुकाबले रुपया लुढककर 85 से भी नीचे के स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2024 में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी कभी कमी तो कभी वृद्धि होती रही। दिसंबर 2024 में विदेशी मुद्रा कोष घटते हुए करीब 652 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। निश्चित रूप से नए वर्ष 2025 को पिछले बीते वर्ष से आर्थिक विकास के ठोस आधार भी मिले हैं। अर्थविशेषज्ञ एक मत से कारोबारी और वित्तीय ऊंचाई को लेकर आशावादी हैं और वे विकास मूलक संकेत देते हुए देश की मजबूत बैलेंस शीट प्रस्तुत कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि कृषि, खनन, निर्माण तथा औद्योगिक उत्पादन को तेज रफ्तार मिलेगी। नई द्विपक्षीय व्यापार वार्ताएं व नए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) आकार लेते हुए दिखाई देंगे। खासतौर से सीमेंट, इलेक्ट्रसिटी, होटल, ट्रांसपोर्ट, ऑटो मोबाइल, फॉर्मा, केमिकल, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, ई- कॉमर्स, बैंकिंग, मार्केटिंग, डेटा एनालिसिस, सायबर सिक्योरिटी, आईटी, टूरिज्म, रिटेल ट्रेड आदि क्षेत्रों में तेज विकास होगा। इससे रोजगार और स्वरोजगार के मौके बढ़ते हुए दिखाई देंगे। नए वर्ष 2025 में सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाइयों पर पहुंचते हुए दिखाई देंगे। साथ ही सोना, चांदी के भावों की नई उड़ान भी दिखाई देगी। गौरतलब है कि नए वर्ष 2025 में स्थानीय और घरेलू बाजार की मजबूती अर्थव्यवस्था के लिए लाभप्रद होगी। पिछले 10 साल में देश जिस तेजी से आत्म निर्भरता की नीति और वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ आगे बढ़ा है, उससे नए वर्ष में देश अधिक लाभान्वित होगा। डेलॉइट इंडिया की इंडियाज होम एंड हाउसहोल्ड मार्केट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का घरेलू बाजार 10 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ेगा और इस तेज गति से वर्ष 2030 तक भारत का घरेलू बाजार लगभग 237 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच सकता है। निश्चित रूप से नए वर्ष में देश के कोने-कोने में मेक इन इंडिया अभियान की शक्ति बढ़ेगी। साथ ही भारत दुनिया में सबसे अधिक मांग वाला तीसरा बड़ा विनिर्माण गंतव्य भी उभरकर दिखाई देगा। देश में चीन से आयात किए जाने वाले दवाई, रसायन और अन्य कच्चे माल का विकल्प तैयार करने के लिए लागू प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेटिव (पीएलआई) स्कीम के और अधिक अच्छे परिणाम मिलते हुए दिखाई देंगे। निस्संदेह नए वर्ष 2025 में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। देश में कृषि उन्नयन, खेती में नवाचार को प्रोत्साहन देने, लागत को कम करते हुए उत्पादन के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने का अभूतपूर्व अभियान आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे सकेगा। इसमें कोई दोमत नहीं है कि सरकार को बीते हुए वर्ष से जो बेहतर मानसून विरासत में मिला है, उससे नए वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था रफ्तार से बढ़ेगी, ग्रामीण इलाकों में खपत भी बढ़ेगी। देश में कृषि क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ेगा। ज्ञातव्य है कि फसल वर्ष 2023-24 में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 32.22 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2023- 24 में गेहूं और चावल का अधिक उत्पादन हुआ है। गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 1132.92 लाख टन और चावल का उत्पादन 1378.25 लाख टन के स्तर पर पहुंच गया। यह अनुमान किया गया है कि सरकार की नई कृषि विकास रणनीति से नए वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि नए वर्ष 2025 में भारत में कर संग्रह में तेज वृद्धि होगी। उद्योग – कारोबार में बेहतरी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि होगी। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच जीएसटी संग्रह पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले 9 फसदी बढक़र 14.56 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसी प्रकार मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में बीते हुए वर्ष से अधिक आयकर रिटर्न और अधिक आयकर प्राप्ति का परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.28 आयकर रिटर्न दाखिल किए गए। इसमें कोई दो मत नहीं है कि नए वर्ष में दुनिया की तेज बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के तहत बढ़ते उद्योग – कारोबार, सर्विस सेक्टर, शेयर बाजार और मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति की नई ऊंचाइयों के कारण देश में टैक्स संग्रहण में तेज वृद्धि होगी । वस्तुतः कर संग्रह में तेज वृद्धि से बुनियादी ढांचे, सामाजिक सेवाओं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की क्षमता बढ़ेगी। सरकार की मुयिों में बढ़ता कर राजस्व अर्थव्यवस्था के नवनिर्माण में मदद करेगा। यह बात भी महत्त्वपूर्ण है कि नए वर्ष में निर्यात और विदेशी निवेश की संभावना बढ़ेगी। सरकार की वित्तीय नियंत्रण की नीतियों से नए वर्ष 2025 में भारत राजकोषीय घाटा नियंत्रण में सफल रहते हुए दिखाई देगा। हम उम्मीद करें कि जनवरी 2025 में ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका द्वारा चीन पर भारी व्यापार प्रतिबंधों की संभावना से भारत के नए वैश्विक आपूर्तिकर्ता देश बनने की संभावना बढ़ेगी। नए वर्ष में भारतीय शेयर बाजार की राह कठिन नहीं होगी, शेयर बाजार को सर्वोच्च ऊंचाई पर पहुंचाने में घरेलू फंडों की अहम भूमिका होगी और कारपोरेट आय को बढ़ावा मिलेगा। हम उम्मीद करें कि नए वर्ष 2025 में सरकार के द्वारा आर्थिक और वित्तीय सुधारों, कृषि सुधारों, मेक इन इंडिया, निर्यात बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों की आमदनी बढ़ाने के रणनीतिक प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी ।

नए वर्ष में बेहतर होगी आर्थिकी
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