डेडलाइन समाप्त : पाकिस्तान के स्कूलों से अफगानी छात्र निकालने लगे
इस्लामाबाद। वैश्विक मंचों पर मुसलमानों के अधिकारों का रोना रोने वाला पाकिस्तान अपनी डेडलाइन खत्म होते ही क्रूरता पर उतर आया है और धक्के मारकर अफगानों सहित लाखों प्रवासियों को देश से बाहर निकाल रहा है। यही नहीं पाक ने अफगानी छात्रों को भी स्कूलों से खदेड़ना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में सोमवार से अफगान बच्चों के स्कूलों को बंद किया जाने लगा है, या फिर जिन स्कूलों में अफगान बच्चे बढ़ रहे हैं, उन्हें स्कूलों से बाहर निकाले जाने लगा है। पाकिस्तान ने कहा है, कि वो एक एक अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकाल देगा और उसने अफगानों को 31 अक्तूबर तक खुद देश छोड़कर चले जाने के लिए कहा था और घोषणा की थी जो अफगान 31 अक्तूबर तक देश छोड़कर नहीं जाएंगे, उन्हें एक नवंबर से जबरन देश से बाहर निकाला जाएगा। बुधवार से, अधिकारी बिना दस्तावेज वाले अफगानों को गिरफ्तार करेंगे और उन्हें देश भर में स्थापित डिटेंशन सेंटर्स में ले जाएंगे, जहां से उन्हें निर्वासित करने के लिए सीमा पर भेज दिया जाएगा। वहीं, तालिबान ने पाकस्तान सरकार की इस कार्रवाई को बर्बर बताते हुए गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी है। तालिबान शासन के रक्षा मंत्री मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकुब ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आह्वान किया है। पाकिस्तान का कहना है, कि देश में करीब 17 लाख अफगान शरणार्थी अवैध ढंग से रहते हैं और पाकिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों के लिए वो जिम्मेदार हैं। पाकिस्तान ने कहा है, कि जो अफगान 31 अक्तूबर से पहले देश नहीं छोड़ेगा, उनकी एक नवंबर से गिरफ्तारी शुरू कर दी जाएगी और उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा। पाकिस्तान में अफगान बच्चों के लिए स्कूल बंद होने का असर उनके भविष्य पर पड़ेगा, खासकर लड़कियों के। क्योंकि अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी लगा रखी है। अफगानिस्तान में लड़कियों के माध्यमिक शिक्षा पर प्रतिबंध है।