लखनऊ (हि.स.)। लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को बहुचर्चित पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक की हत्या में आरोपित बनाए गए फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वर्ष 2013 में प्रतापगढ़ जनपद के कुंडा सर्किल में पुलिस उपाधीक्षक पद पर तैनात जियाउल हक की लाठी डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई थी। जियाउल हक की हत्या कांड में आरोपितों पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माने की प्राप्त राशि में से 50 फीसदी जियाउल हक की पत्नी परवीन को देय होगा। गौरतलब है कि नन्हे यादव केस में जियाउल हक अपने कार्य दिवस के दिन उस गांव में पूछताछ के लिए गए थे, जहां नन्हे की मौत हुई थी। उस दौरान नन्हे के परिवार वालों एवं ग्रामीणों ने उनके ऊपर लाठी डंडे से हमला कर दिया था। इस हमले में जियाउल हक की मौत हो गई थी। इस मामले में कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह भी नामजद थे, जिन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी।