नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड 2025 में एक बार फिर राजधानी दिल्ली की झांकीका दीदार नहीं हो सकेगा। हालांकि आम आदमी शासित राज्य पंजाब समेत 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विरासत – इतिहास और वर्तमान से सजी रंग-बिरंगी झांकिया देश के 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर दिखाई देंगी। समझा जाता है कि गणतंत्र दिवस परेड की झांकी का चयन करने वाली विशेषज्ञ समिति ने दिल्ली की ओर से दिए गए झांकी की थीम को अस्वीकार्य करते हुए खारिज कर दिया है। इस बार की परेड में जहां दिल्ली की झांकी को मंजूरी नहीं मिली है तो वहीं चार राज्यों ने खुद ही असमर्थता जता इस दफा अपनी बारी छोड़ दी है और इन सब की जगह उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को अपनी झांकी कर्तव्य पथ पर दिखेना का मौका दिया गया है। राजधानी दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में गणतंत्र दिवस झांकी अस्वीकृत किए जाने को सत्ताधारी आम आदमी पार्टी एक बार फिर सियासी मुद्दा बनाने से शायद ही गुरेज करेगी। मालूम हो कि 2024 के गणतंत्र दिवस परेड में भी पंजाब के साथ दिल्ली की झांकी को मंजूरी नहीं दी गई थी जिस पर खूब राजनीतिक वाद-विवाद हुआ था। इसके मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने इसी साल यह नियम बना दिया कि तीन साल में कम से कम एक बार हर राज्य को झांकी दिखाने का मौका मिलेगा। हालांकि रक्षा मंत्रालय की झांकी चयन के लिए गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा झांकी का चयन भी नियम की दूसरी शर्त है। रक्षा मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार तीन साल के अंतराल की कसौटी को दिल्ली जरूर पूरा कर रहा था मगर विशेषज्ञ समिति ने उसकी झांकी के प्रस्ताव को अपने मानकों के अनुरूप नहीं होने के आधार पर अस्वीकार कर दिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चूंकि इसको लेकर राजनीति हो सकती है इसलिए स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह फैसला रक्षा मंत्रालय का नहीं बल्कि विशेषज्ञ समिति का है जिसमें अपने-अपने क्षेत्र के विशिष्ट कलाकर व्यक्ति शामिल हैं। हालांकि दिल्ली की झांकी के प्रस्ताव का ब्योरा मंत्रालय की ओर से साझा नहीं किया गया।