कोलियाबर । असम के कोलियाबर के सिलघाट- सोनारी गांव में बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि शव बासुदेव कर्माकर (60) का है, जो शनिवार से लापता था। वह और उसके साथी जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने के लिए सिलघाट – सोनारी गांव के पहाड़ों पर गए थे। उसके बाद से कर्माकर लापता था। स्थानीय लोगों को संदेह है कि मजदूर को बाघ ने मारा है। शव के बचे हुए हिस्से बिखरे पड़े मिले। घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी डर का माहौल है। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को शाम के समय लापता व्यक्ति की सूचना मिलने के बाद हमने पुलिस कर्मियों और ग्रामीणों के साथ मिलकर खोजबीन की। अंधेरे के कारण हम जंगल में प्रवेश नहीं कर पाए । स्थानीय लोगों ने आज सुबह हमें शव के बारे में बताया। हमें रिजर्व फॉरेस्ट में मिले। नगांव के शव के अंग कामाख्या कई इलाकों में बंगाल टाइगर के हमले अभी भी हो रहे हैं । कामाख्या, सोनारी गांव और कलियाबार चाय बागानों के निवासी लंबे समय से बाघों के हमलों से पीड़ित हैं। बाघों द्वारा जानवरों और इंसानों दोनों पर हमला किया जा रहा है । स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले तीन सालों में बाघों द्वारा लोगों पर हमला करने की कई घटनाएं हुई हैं। माना जाता है कि महादेव तासा नामक एक व्यक्ति को बाघ ने मार डाला था । काफी समय से उसका पता नहीं चल पाया है। शनिवार को जमुना गढ़ पर बाघ ने हमला किया था। पीड़ित का फिलहाल गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है । बाघों द्वारा बासुदेव कर्मकार की हत्या की घटना ने लोगों को चिंतित कर दिया है। इस पर निवासियों ने वन विभाग के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है। इसके चलते विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने शिलघाट थाने पर हंगामा किया। लोगों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने जानवरों और नागरिकों दोनों की सुरक्षा की मांग की।