गुवाहाटी। असम कांग्रेस ने बुधवार को राज्य सरकार से 2021 से 2024 तक के मौजूदा मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति को रेखांकित करने वाला श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। बुधवार को राजीव भवन में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने असम के कर्ज में भारी वृद्धि की ओर इशारा करते हुए राज्य की भाजपा नीत सरकार पर भारी कर्ज जमा करने और वित्तीय संसाधनों का कुप्रबंधन करने का आरोप लगाया। बोरा ने कहा कि 2016-2021 के दौरान, मुख्यमंत्री के रूप में सर्वानंद सोनोवाल के कार्यकाल के दौरान, कर्ज बढ़कर 66,020.65 करोड़ रुपए हो गया। लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के कार्यकाल के ढाई साल (2021 से 2024 के बीच) के भीतर कर्ज बढ़कर 1,52,000 करोड़ रुपए हो गया है, यानी 85,980 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि परिणामस्वरूप राज्य को अपने बजट की राशि का एक बड़ा हिस्सा, 7, 299.18 करोड़ रुपए सालाना इस कर्ज पर ब्याज के रूप में चुकाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिए, हम सरकार से एक श्वेत पत्र चाहते हैं, जिसमें कुल राजस्व प्राप्तियां; विभिन्न शीर्षो के तहत केंद्र से प्राप्त धनराशि ऋण और उधार आदि से प्राप्त राशि; विभिन्न शीषों, क्षेत्रों आदि पर व्यय ; पूंजीगत व्यय में भारी कटौती के कारण, अर्थात बुनियादी ढांचे और विकास पर व्यय और पेट्रोल और डीजल पर वैट में बार-बार वृद्धि के कारण, जिसमें हाल ही में पेट्रोल पर एक रुपए और एक पैसे प्रति लीटर की वृद्धि शामिल है। बोरा ने लाभार्थी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए ऋण और उधार पर निर्भर रहने के लिए सरकार की आलोचना की तथा आरोप लगाया कि ऐसा लाभार्थियों को वोट बैंक बनाये रखने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि यह ऋण किसी बड़ी परियोजना लागत या विकास कार्यक्रम के लिए नहीं लिया जाता है, बल्कि यह ऋण दैनिक खर्चों और व्यक्तिगत लाभार्थी खर्ची को पूरा करने के लिए लिया जाता है। सरकार के पास ऋण राशि के अलावा भारी भरकम खर्चों को पूरा करने का कोई दूसरा साधन नहीं है। वरिष्ठ विपक्षी नेता ने आगे कहा कि वित्तीय कुप्रबंधन और राजनीतिक कारणों से लाभार्थी योजनाओं पर भारी खर्च को पूरा करने के कारण, ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के बिलों के प्रति देयता मार्च 2024 तक बढ़कर 26,000 करोड़ रुपए हो गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य के वित्तीय संकट के कारण, कर्मचारियों का वेतन ( मार्च 2024 तक 5000 करोड़ रुपए) कई महीनों से लंबित है ।