गुवाहाटी। झारखंड में भाजपा की करारी हार के एक दिन बाद, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि उन्होंने कभी दावा नहीं किया कि उनकी पार्टी पूर्वी राज्य में विधानसभा चुनाव जीतेगी। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो गठबंधन ने लगातार दूसरी बार झारखंड में सत्ता हासिल की, 81 सदस्यीय सदन में 56 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को केवल 24 सीटें मिलीं। हिमंत विश्व शर्मा झारखंड चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी थे। वहीं असम के मुख्यमंत्री ने झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए पूर्वी राज्य से घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, जब भी आप (मीडिया) ने मुझसे झारखंड के बारे में पूछा था, मैंने कहा था कि यह एक कठिन राज्य है। मैंने कभी दावा नहीं किया कि हम जीतेंगे। हमारी पार्टी के लिए वहां चुनाव लड़ना एक कठिन काम था, लेकिन हमने मौजूदा परिस्थितियों में अच्छा काम किया । हिमंत विश्व शर्मा, जिन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए झारखंड में डेरा डाला था और दावा किया था कि घुसपैठिए पूर्वी राज्य के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं, ने सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने कहा कि घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है । वे कितना करेंगे, यह मेरे लिए पहले से तय करना सही नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि असम के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं इस मामले पर अब और टिप्पणी नहीं करूंगा। मैंने पार्टी के सह प्रभारी के रूप में वहां रहते हुए जो कुछ भी कहना था, कह दिया। किसी भी सरकार को घुसपैठ के मामले में समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका अंतिम परिणाम जनसांख्यिकीय परिवर्तन होगा, जिसका प्रभाव सभी पर पड़ेगा। सोशल मीडिया फेसबुक लाइव में सीएम शर्मा ने कहा कि उन्होंने झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा उठाया है और भाजपा के निर्वाचित विधायकों से इसे विधानसभा में उठाने का आग्रह किया है। सीएम शर्मा ने निर्वाचित भाजपा उम्मीदवारों से विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाने और विधानसभा में घुसपैठ का मुद्दा उठाने की भी अपील की। झारखंड में भाजपा की हार पर असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कारण से, हम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर सके। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें प्रयास करना बंद कर देना चाहिए । जब भी हम किसी चीज में असफल होते हैं, तो असफल प्रयास भविष्य की सफलता की नींव का काम करता है। पिछले चार महीनों में झारखंड में बिताए अपने समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने राज्य में काफी समय बिताया, लेकिन अपने मिशन में असफल रहा। लेकिन, मैं आपके प्यार को हमेशा याद रखूंगा। मैं आपके प्यार और समर्थन के लिए आभारी हूं।