ओटावा। कनाडा के पीएम जस्टिन टूडो आम चुनाव से पहले राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में उनका प्रदर्शन विपक्षी दलों के मुकाबले कमजोर दिख रहा है। इस बीच मॉन्ट्रियल के लासेल- एमार्ड-वर्डुन संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव टूडो के लिए एक अहम परीक्षा है। यह सीट लिबरल पार्टी की सुरक्षित मानी जाती है और यहां लिबरल पार्टी हारती है, तो इसका आगामी आम चुनावों पर गहरा असर पड़ेगा । उपचुनाव लिबरल सांसद के इस्तीफे के बाद हो रहे हैं। हालांकि इस क्षेत्र में लिबरल पार्टी को सामान्यतः जीत की उम्मीद है, सर्वेक्षणों के मुताबिक मुकाबला कड़ा है। लिबरल पार्टी हारती है, तो इसका पूरा ध्यान पीएम टूडो पर जाएगा, जो करीब 9 सालों से पद पर हैं और हाल ही में उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई है। पार्टी के कुछ नेता ने टूडो के नेतृत्व पर सवाल उठाया है वे पद छोड़ दें। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लिबरल पार्टी आगामी संघीय चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोलिएवर से बुरी तरह हार सकती है। लेगर पोल ने कंजर्वेटिव पार्टी को 45 फीसदी समर्थन दिया, जबकि लिबरल पार्टी केवल 25 फीसदी समर्थन मिल रहा है। 2021 के चुनाव में, लिबरल्स ने लासेल- एमार्ड – वर्डुन में 43 फीसदी वोट मिला था, जबकि क्यूबेकॉइस ब्लॉक और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी को 22फीसदी और 19 फीसदी वोट मिले थे। अब पोल में तीनों पार्टियां करीब-करीब बराबरी पर हैं। लिबरल पार्टी ने चुनाव के दौरान पोलिएवर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक के रूप में चित्रित करने की योजना बनाई है, जबकि पोलिएवर ने सीबीसी के फंडिंग को बंद करने का भी प्रस्ताव रखा है। इस उपचुनाव के परिणाम टूडो की राजनीतिक दिशा को काफी हद तक निर्धारित कर सकते हैं और पूरे देश की राजनीति पर प्रभाव डाल सकते हैं।