कनाडा ने तीन भारतीय शहरों में काउंसलर सेवाएं रोकी, अपने नागरिकों से भारत में सावधानी बरतने को कहा
नई दिल्ली, (हि.स.)। कनाडा ने राजनयिक टकराव के बीच भारत में रह रहे कनाडाई नागरिकों के लिए परामर्श जारी किया है। परामर्श में कहा गया है कि भारत में कनाडा विरोधी प्रदर्शन हो सकते हैं और कनाडाई नागरिकों को धमकी या उत्पीड़न का शिकार होना पड़ सकता है। इसके अलावा बेंगलुरू, चंडीगढ़ और मुंबई में कनाडा के महावाणिज्य दूतावास का संचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। कनाडा ने इस बात की भी आधिकारिक घोषणा कर दी है कि उसने भारत में अपने राजनयिकों की संख्या में कटौती की है। कनाडा ने अपने नागरिकों के लिए परामर्श जारी कर कहा है कि कनाडा और भारत में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में पारंपरिक व मीडिया पर कनाडा के प्रति विरोध और कुछ नकारात्मक भावनाएँ हैं। कनाडा विरोधी प्रदर्शन हो सकते हैं और कनाडाई लोगों को धमकी या उत्पीड़न का शिकार होना पड़ सकता है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अजनबियों के साथ कम जुड़ाव रखना चाहिए और अपनी व्यक्तिगत जानकारी उनके साथ साझा नहीं करनी चाहिए। सार्वजनिक परि- वहन सहित भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें। आपको हमेशा किसी के साथ यात्रा करनी चाहिए और अपनी यात्रा योजनाओं के बारे में किसी मित्र या परिवार के सदस्य को सूचित करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बेंगलुरू, चंडीगढ़ और मुंबई और उसके आसपास व्यक्तिगत रूप से कांसुलर सेवाएं अस्थायी रूप से अनुपलब्ध हैं। नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायोग में व्यक्तिगत रूप से कांसुलर सेवाएं उपलब्ध रहेंगी । बेंगलुरू, चंडीगढ़ और मुंबई तथा उस् के आसपास अत्यधिक सावधानी बरती जाए। इसके अलावा किसी भी समय ओटावा में आपातकालीन निगरानी और प्रतिक्रिया केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत की विदेश खुफिया एजेंसी रॉ पर कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप मढ़ने की कोशिश की थी। भारत ने इसपर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे बेतुका और दुर्भावनापूर्ण बताया था। भारत का कहना है कि घरेलू राजनीति के कारण कनाडा की स- रकार खालिस्तानियों को समर्थन दे रही जो खुलेआम भारतीय राजनयिकों और मिशनों पर हमले की धमकियां दे रहे हैं। विदेश मंत्री इसपर जवाब दे चुके हैं। उनका कहना है कि कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े आरोप पहले निजी और फिर सार्वजनिक तौर पर लगाए हैं। दोनों ही तरह से भारत ने उत्तर दिया है कि भारत की कभी इस तरह की नीति नहीं रही है। उन्होंने कहा कि कनाडा के पास अगर इस संबंध में कोई विश्वसनीय जानकारी है तो वे भारत के साथ साझा करे । भारत खुले मन से इस पर विचार करेगा। वहीं, भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के मद्देनजर नई दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग से कहा गया था कि वह अपने राजनयिकों और संबंधित कर्मचारियों की संख्या में कटौती करे। कनाडा के नागरिकों के लिए भारत ने प्रवेश संबंधी वीजा सेवाओं पर अस्थाई रोक लगाने के बाद यह कदम उठाया था। भारत ने कनाडा से दो टूक शब्दों में कहा है कि वह आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह न दे तथा कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशनों और राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे ।
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