अपने पेट को अंग्रेजी शब्द ‘जे’ के आकार के एक प्लास्टिक बैग की तरह समझों, जो आपके उदर के बाईं ओर होता है। इसकी रक्षा करती हैं पांच निचली पसलियां। इसका ऊपरी हिस्सा एसोफेगस से जुड़ा होता है और निचला हिस्सा छोटी आंत से जुड़ता है। पेट की लाइनिंग में असंख्य ग्लैंड्स दिखते हैं, जो हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पेप्सिन नामक एंजाइम का उत्पाद करते हैं। आपके भोजन करने से पहले मस्तिष्क खाली पेट को संदेश भेजता है, ताकि वह गैस्ट्रिक जूसेज को तैयार करना शुरू करें। हालांकि पेट का आकार आपकी मुट्ठी जितना होता है, लेकिन भारी खाना खाने पर वह तीन- चार गुना बढ़ सकता है। यदि आप अक्सर भारी खुराक लेते हैं तो इससे पेट की मांसपेशियों की वर्जिश होती रहती है। यदि आप किसी खास दिन ही अधिक खाते हैं तो इससे आपके पेट को तकलीफ हो सकती है। खुद गीला होने के कारण भोजन जब अंदर जाता है तो वह गैस्ट्रिक जूसेज से जा मिलता है। पेट की दीवारों पर मांसपेशियों की तीन परतें होती हैं, जो लंबाई, चौड़ाई और तिरछी बंधी होती हैं। भोजन को यह चाइम नामक तरल की मदद से ऊपर-नीचे करती हैं और फिर उसे छोटी आंत में भेज देती हैं। अल्सर, चोट या कैंसर आदि के कुछ मामलों में सर्जन्स अक्सर गैस्ट्रक्टमी ऑपरेशन करते हैं, जिसमें पूरा पेट या उसका कुछ हिस्सा निकाल दिया जाता है। जब कुछ हिस्सा निकाला जाता है तो शेष हिस्सा अपना काम करता रहता है। पूरा पेट निकाल दिए जाने पर