नई दिल्ली / अगरतला। बुधवार (4 सितंबर, 2024 ) को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। गृह मंत्रालय ने मंगलवार (3 सितंबर, 2024 ) को एक प्रेस बयान में कहा कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और गृह मंत्रालय (एमएचए) और त्रिपुरा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए 12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन 12 समझौतों में से तीन समझौते त्रिपुरा से संबंधित हैं। गृह मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने के कारण करीब 10,000 लोगों ने हथियार छोड़ दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। एनएलएफटी का गठन 12 मार्च 1989 को भारत से अलग होने और सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से एक स्वतंत्र त्रिपुरी राज्य की स्थापना के उद्देश्य से किया गया था। इस संगठन को अप्रैल 1997 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था। एटीटीएफ की स्थापना 11 जुलाई 1990 को त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक पूर्व सदस्यों के एक समूह द्वारा की गई थी। ऐसा कहा जाता है कि इस समूह का गठन एनएलएफटी की सशस्त्र शाखा के रूप में हुआ था, लेकिन बाद में यह विभाजित हो गया और अपना स्वयं का संगठन बना लिया।