एक युवक एक करोड़ रुपए दान करने आया था…

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को खुलासा किया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपए दान करने वाले एक व्यक्ति के बारे में उनके संदेह के कारण करोड़ों रुपए के ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले का पता चला। शर्मा ने बताया कि उनके संदेह ने जांच को प्रेरित किया, जिसने अंतत: बड़े पैमाने पर वित्तीय कदाचार से जुड़े घोटाले को उजागर किया और अभिनेत्री सुमी बोरा और उनके पति को गिरफ्तार किया । समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा कि जब एक युवक मुख्यमंत्री राहत कोष 1 करोड़ रुपए दान करने आया, तो मुझे संदेह हुआ। मैंने अधिकारियों से पूछा कि वह क्या करता है और इस तरह ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला सामने आया। उन्होंने कहा कि घोटाले को सामने लाने वाले व्यक्ति पर हमला करने का मतलब है इन अपराधों में लिप्त लोगों को विटामिन देना। मामले को सुलझाने और इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के उनकी सरकार के प्रयासों के बावजूद, शर्मा ने दावा किया कि विपक्षी दलों द्वारा उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों को सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोगों ने हीरो बना दिया था, लेकिन अब मुझ पर हमला करके इसे राजनीतिक क्यों बनाया जा रहा है ? मुख्यमंत्री ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कामरूप (महानगर) जिले के सोनपुर में बेदखली अभियान घोटाले से ध्यान हटाने के लिए शुरू किया गया था। उन्होंने सवाल किया कि जब घोटाले में शामिल लोगों को सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोगों द्वारा हीरो के रूप में पेश किया जा रहा था, तो उन पर राजनीतिक हमला क्यों किया जा रहा था। शर्मा ने इस बात की भी जांच के आदेश दिए कि घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार अभिनेत्री सुमी बोरा और उनके पति तारिक बोरा को डिब्रूगढ़ में हिरासत में लेने के बाद पुलिस द्वारा किस तरह एक आलीशान होटल में ले जाया गया। उन्होंने पुलिस और पत्रकारों के बीच संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों को जेल में होना चाहिए था, लेकिन वे साक्षात्कार दे रहे थे। शर्मा ने यह भी दावा किया कि घोटाले से जुड़े सोशल मीडिया प्रभावित लोग लोकसभा चुनावों के दौरान लगातार भाजपा पर हमला कर रहे थे। असमिया अभिनेत्री, कोरियोग्राफर और सोशल मीडिया प्रभावित सुमी बोरा और उनके पति को गुरुवार को डिब्रूगढ़ में स्पेशल टास्क फोर्स ने हिरासत में लिया। मामले में मुख्य आरोपी 22 वर्षीय बिशाल फुकन की गिरफ्तारी के मद्देनजर उन्हें जारी किए गए नोटिस के बाद पुलिस के सामने पेश नहीं होने पर दंपति और चार अन्य के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। इस घोटाले में ऐसी फर्म शामिल हैं, जिन्हें ज्यादातर 20 साल की उम्र के लोगों द्वारा प्रमोट किया जाता है, जो कथित तौर पर शेयर बाज़ारों में निवेश पर भारी रिटर्न का वादा करके लोगों से सैकड़ों करोड़ रुपए जुटाती हैं। हालांकि, ये फर्म हाल ही में निवेशकों को पैसे वापस करने में विफल रही हैं। अब तक इस घोटाले के सिलसिले में 65 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 और भारतीय न्याय संहिता के तहत जिलों में दर्ज 28


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