इटानगर (हि.स.) । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनायक, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और विधानसभा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए राज्य के लोगों की प्राकृतिक सुंदरता और प्रकृति के उपहार की सराहना करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश पर्यटन स्थल के लिए स्वर्ग है। उन्होंने लोगों को आर्थिक विकास के लिए अपने स्थानीय उत्पादों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। राष्ट्र में संवैधानिक दिवस मनाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को शिक्षित करना या सूचित करना है कि संविधान का निर्माण कैसे हुआ और निर्माण के दौरान लोगों के बलिदान और राष्ट्र के सबसे लंबे आपातकाल के बारे में याद दिलाना है। उन्होंने अपील की कि सभी को राष्ट्र के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए और राष्ट्र को और अधिक मजबूत बनाना चाहिए तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने विधानसभा के सदस्यों को राज्य के विकास के लिए अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करने की सलाह दी। विधानसभा के अध्यक्ष टेसाम पोंगटे ने उपराष्ट्रपति और अन्य सदस्यों का स्वागत करते हुए विधानसभा स्थापना और केंद्र शासित प्रदेश से एक राज्य में परिवर्तित करने के बारे में प्रकाश डाला। राज्य की युवा पीढ़यों के लिए राज्य के इतिहास को रखने के लिए विधानसभा के पुस्तकालय, संग्रहालय और ई-विधान सभा के बारे में बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य के लोगों की ओर से उपराष्ट्रपति का स्वागत किया और एक राज्य के रूप में अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर भी प्रकाश डाला। राज्य की विकास गतिविधियों के साथ-साथ राज्य में चल रही परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के राज्य सरकार पर सहयोग और जीवंत ग्राम विकास गतिविधि पर भी प्रकाश डाला।