नई दिल्ली। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सीजन 11 का रोमांच जारी है और नई पीढ़ी के फुटबॉलर अपनी छाप छोड़ कर सुर्खियां बटोर रहे हैं। आईएसएल में शुरुआती चार मैचवीक का खेल पूरा हो चुके हैं। इस दौरान युवा प्रतिभाओं ने मैदान पर अपने प्रदर्शन से प्रशंसकों, कोचों और पंडितों को हैरान कर दिया है। इस दौरान जिन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया हैं, आइये उन पर एक नजर डालते हैं- विनीत वेंकटेश (बेंगलुरू एफसी) बेंगलुरू एफसी अकादमी के प्रोडक्ट विनीत वेंकटेश ने इस सीजन में अपने आईएसएल करियर का आगाज किया और ब्लूज की सफलता में अहम योगदान दिया है। विनीत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए चार मैचों में एक गोल और एक में असिस्ट किया है। उन्होंने 75 प्रतिशत की सटीकता से प्रति मैच 17 पास किए हैं, 13 द्वंद जीते है और दो ड्रिबल पूरे किए हैं। वह आईएसएल इतिहास में अपने शुरुआती दो मैचों में से प्रत्येक में गोल योगदान देने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। डेविड लालहलानसांगा हमार (ईस्ट बंगाल एफसी), ईस्ट बंगाल एफसी के 22 वर्षीय डेविड लालहलानसांगा हमार अब तक तीन मैचों में सिर्फ 43 मिनट में खेलने का अवसर मिला है, लेकिन वह अपने अवसरों को भुनाकर एफसी गोवा के खिलाफ गोल करने में सफल रहे। इससे वह आईएसएल में ईस्ट बंगाल के लिए गोल करने वाले पांचवें सबसे युवा स्कोरर (22 वर्ष और 305 दिन) बन गए। मोहम्मद ऐमेन (केरल ब्लास्टर्स एफसी) केरला ब्लास्टर्स एफसी के मिडफील्डर ने चार मैचों में दो गोल में सहायता प्रदान की हैं। उन्होंने 84 प्रतिशत सटीकता के साथ प्रति मैच नौ पास किए हैं, एक इंटरसेप्शन किया, तीन द्वंद जीते और पांच रिकवरी की है। ऐमेन का शानदार प्रदर्शन जारी है, 2024 में उनके द्वारा दी गई चार गोल में सहायता केरला ब्लास्टर्स के भारतीय खिलाड़ियों के बीच एक कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक हैं। पीएन नौफल (मुंबई सिटी एफसी) मुम्बई सिटी एफसी के पीएन नौफल ने मोहन बागान सुपरजायंट के खिलाफ सीजन के पहले मैच में सहायता प्रदान की थी। 23 साल और 319 दिन की उम्र में ऐसा करके सबसे युवा खिलाड़ी थे। नौफल ने मैदान पर 69 प्रतिशत सटीकता के साथ प्रति मैच 13 पास किए, तीन गोल स्कोरिंग मौके बनाए और दो रिकवरी भी की।