आईआईटी कानपुर उद्घोष - 23 ने राष्ट्रीय स्तर पर रोमांचकारी करतब व समावेशिता का किया प्रदर्शन
कानपुर, (हि.स.)। प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआ- ईटी) का प्रतिष्ठित खेल महोत्सव उद्घोष - 23, छह से आठ अक्टूबर तक भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ । यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित उत्सव पूरे भारत में फैले 36 प्रतिष्ठित कॉलेजों से आए 2,200 निपुण खिलाड़ियों की अति- प्रेरणादायक सभा का गवाह बने। यह बात शुक्रवार को एफएसी उद्घोष '23 के अध्यक्ष प्रोफेसर चंद्र शेखर उपाध्याय ने कही। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में 17 खेल विधाओं में गहन प्रतिस्पर्धा का प्रदर्शन किया गया। एथलेटिक्स ट्रैक और फील्ड से लेकर शतरंज के बौद्धिक युद्धक्षेत्र तक, प्रत्येक खेल ने युवा पुरुषों और महिलाओं दोनों को अपनी ताकत दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किया। आईआईटी कानपुर में विश्व स्तरीय सुविधाओं का उपयोग करते हुए, टीम स्पधाओं में प्रत्येक विधा में लगभग 20 रोमांचक मैच देखने को मिले । प्रतिस्पधाएं सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और अधिकांश दिनों में देर रात 10 बजे तक जारी रही। इन प्रतियोगिताओं त्रुटिहीन निष्पादन की देखरेख उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्य खेल संघों से लिए गए कुशल और मान्यता प्राप्त रेफरी के एक कैडर द्वारा की गई थी। प्रतियोगिता चरम पर हुई क्योंकि इन दृढ़ टीमों ने सम्मान और गौरव के लिए जमकर प्रतिस्पर्धा की। प्रो. उपाध्याय ने कहा, ह्रजैसा कि आ- ईआईटी कानपुर के उदघोष '23 का समापन हुआ। उसके लिए मैं आयोजन टीम और प्रबंधन टीम के समर्पित छात्र आयोजकों, एथलीटों, कोचों, सहायक कर्मचारियों, सुरक्ष-ाकर्मियों और आईआईटी कानपुर के हमेशा सहायक कैंपस समुदाय के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता है जिन्होंने इस भव्य आयोजन को संभव बनाया जो इस असाधारण कार्यक्रम के पीछे खड़े थे। साथ ही उन प्रशासनिक और सहायता टीमों जिन्होंने पर्दे के पीछे अथक परिश्रम किया, हम उन सभी संकाय सहयोगियों को हार्दिक धन्यवाद देना चाहते हैं जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया । उद्घोष की समावेशिता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को नेशनल ऑनलाइन स्पोर्ट्स क्विज (यूएनओएसक्यू) की मेजबानी के माध्यम से आयोजित किया गया, जिसने देश के हर कोने से 3,000 प्रतिभागियों को आकर्षित किया । गर्व का क्षण तब आया जब भारत भर से युवा प्रतिभाएं इसके मंच पर आईं और अपनी योग्यता अनुसार पुरस्कार पाकर गर्व से झूम उठीं।