असमिया मुस्लिमों का होगा सामाजिक आर्थिक मूल्यांकन, कैबिनेट ने दी मंजूरी
गुवाहाटी। असम की हिमंत विश्व शर्मा सरकार ने राज्य के स्वदेशी मुस्लिमों के सामाजिक- आर्थिक मूल्यांकन करने का फैसला किया है। असम सरकार ने कहा कि वह राज्य के स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक आकलन करेगी। दरअसल, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सीएम हिमंत विश्व ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है। शर्मा ने लिखा कि स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक आकलन अल्पसंख्यक मामलों के निदेशालय और चार क्षेत्रों के माध्यम से किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया है कि चार क्षेत्रों के विकास निदेशालय का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामलों और चार क्षेत्रों के निदेशालय असम किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने माघ बिहू के दौरान आयोजित पारंपरिक भैंस और सांडों की लड़ाई की अनुमति के लिए एसओपी जारी करने को भी मंजूरी दी है। एसओपी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पशुओं पर जानबूझकर अत्याचार या क्रूरता नहीं की जाए। जो सदियों पुरानी असमिया सांस्कृतिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा वार्षिक बफेलो प्रतियोगिताओं के दौरान आयोजकों द्वारा उनकी भलाई के लिए प्रदान किया जाए। साथ ही मंत्रिपरिषद ने राज्य भर में पुस्तकालयों के निर्माण के लिए 259 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। छात्रों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए पुस्तकालय और डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इस योजना का लक्ष्य 2,197 ग्राम पंचायतों और 400 नगरपालिका वार्डों में नए पुस्तकालयों का निर्माण शुरू करना और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ किताबें, फर्नीचर, कंप्यूटर की खरीद शुरू करना है।