
गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि कभी उग्रवाद और अशांति से त्रस्त यह राज्य अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सबसे शांतिपूर्ण राज्य के रूप में उभरा है। गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए सीएम शर्मा ने राज्य में हुए परिवर्तन के बारे में बताया। उन्होंने असम के विकास को बढ़ावा देने वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए पीएम मोदी को श्रेय दिया। सीएम ने कहा कि असम ने एक तरह से दशकों तक आंदोलन और उग्रवाद देखा है। 2016 के बाद असम ने पुनर्जन्म का अनुभव किया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में असम एक शांतिपूर्ण राज्य बन गया है। आज मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि कभी असम को देश के सबसे अशांत इलाकों में माना जाता था लेकिन अब यह देश का सबसे शांतिपूर्ण राज्य बन गया है। इसके बाद सीएम शर्मा ने असम में कई प्रमुख बुनियादी ढांचे और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए पीएम मोदी को श्रेय दिया, जिन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन परियोजनाओं में हाल ही में शुरू की गई टाटा-डोरा सेमीकंडक्टर सुविधा और नामरूप में 1.2 मिलियन मीट्रिक टन की उत्पादन क्षमता वाला एक नया ग्रीनफील्ड उर्वरक संयंत्र शामिल है, जो असम के औद्योगिक विकास के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं। शर्मा ने पीएम मोदी के मार्गदर्शन में 2018 में 3 से 4 फरवरी को आयोजित एडवांटेज असम के पहले संस्करण को भी याद किया। उन्होंने कहा कि उस दौरान प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से हमारी नुमालीगढ़ रिफाइनरी को 27,000 करोड़ रुपए की लागत से 9 मिलियन मीट्रिक टन तक विस्तारित किया गया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शर्मा ने असम के तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 2016 से अब तक 2,327 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2013 में 29 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 68.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है। एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन 2025 का उद्देश्य राज्य में निवेश आकर्षित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम बिजनेस और निवेशकों के लिए असम के तेजी से बढ़ते औद्योगिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री डॉ. एस जयशंकर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सर्वानंद सोनोवाल इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी और अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी सहित उद्योगपति भी मौजूद हैं।
