दिल हूम हूम करे, ओ गंगा तुम बहती हो जैसे बेहतरीन गानों को अपनी आवाज देने वाले दिग्गज गायक भूपेन हजारिका किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 8 सितंबर को संगीतकार और गीतकार भूपेन हजारिका का जन्म हुआ था। अपनी खूबसूरत आवाज से भूपेन हजारिका ने करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया। भूपेन हजारिका अपने गीत खुद लिखते थे और फिर उन्हें संगीतबद्ध करते और गाते थे। हजारिका ने असमिया साहित्य और संस्कृति को उन्होंने विश्व मंच तक पहुंचाने का काम किया। हजारिका को भारत रत्न और असमिया रत्न से भी सम्मानित किया गया। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर भूपेन हजारिका के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में… असम के सदिया में 8 सितंबर 1926 को भूपेन हजारिका का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम नीलकांत हजारिका और माता का नाम शांतिप्रिया हजारिका था । उन्होंने अपनी शुरूआत शिक्षा गुवाहाटी से पूरी की। फिर आगे की पढ़ाई के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। साल 1944 में हजारिका ने ऑनर्स से ग्रेजुएशन कर साल 1946 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद भूपेन हजारिका ने कोलबिया यूनिवर्सिटी से मॉस कम्युनिकेशन में पी. एचडी. की उपाधि प्राप्त की। बता दें हजारिका ने कम उम्र से ही गीत लिखना और गाना शुरू कर दिया था। उन्होंने महज 10 साल की उम्र में पहला गीत लिखा था । एक बार भूपेन तेजपुर में एक कार्यक्रम में असमिया लोकगीत बोरगीत गा रहे थे। इस दौरान कलागुरू के नाम से विख्यात ज्योति प्रसाद अगरवाला भूपेन के गीत से काफी ज्यादा प्रभावित हुए। साल 1939 में ज्योति प्रसाद अगरवाला ने 12 साल की उम्र में भूपेन हजारिका से असमिया फिल्म इन्द्रामालोटि में दो गीत रिकॉर्ड करवाए। भूपेन हजारिका की आवाज में गजब का जादू है । उनके गीत जिस किसी के कानों में घुलते हैं, वह उनका दीवाना बन जाता है। बता दें कि उन्होंने असमी, हिंदी और बांग्ला समेत कई भाषाओं में गीत गाया था । भूपेन हजारिका ने मिल गई मंजिल मुझे, गजगामिनी, दरमियां, रुदाली, साज, दमन, और क्यों, जैसी सुपरहिट फिल्मों में गाने गाए हैं। हजारिका ने करीब 1 हजार से अधिक गाने और 15 किताबें लिखी । भूपेन हजारिका को फिल्मों में उत्कृष्ठ योगदान के लिए साल 1975 में उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं साल 1992 में हजारिका को फिल्मी दुनिया के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं साल 2009 में असम रत्न और साल 2011 में पद्म भूषण से नवाजा गया। इसके बाद साल 2019 में भूपेन हजारिका को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। भूपेन हजारिका और अभिनेत्री कल्पना लाजमी की लव स्टोरी काफी चर्चित रही। साल 1974 में आई फिल्म आरोप के सेट पर उनकी मुलाकात कल्पना लाजमी से हुई। भूपेन कल्पना को देखते ही उन्हें अपना दिल दे बैठे। उस दौरान कल्पना की उम्र महज 17 साल के आसपास थी। वहीं भूपेन की उम्र 40 के पार थी। इस फिल्म का एक गाना नैनों में दर्पण है, दर्पण है कोई देखूं जिसे सुबहो शाम काफी ज्यादा फेमस रहा। अपने जीवन के अंतिम समय तक निमोनिया से पीड़ित थे । लगभग 86 साल की उम्र में गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका का 5 नवंबर 2011 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूबाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया था।